5 Essential Elements For shiv chalisa lyrics in hindi pdf download

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आप जलंधर असुर संहारा। सुयश तुम्हार विदित संसारा॥

क्षम्यतां नाथ, अधुना अस्माकं दोषः अस्ति।

सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा। बिकट रूप धरि लंक जरावा।।

राम दुआरे तुम रखवारे। होत न आज्ञा बिनु पैसारे।।

वेद माहि महिमा तुम गाई। अकथ अनादि भेद नहिं पाई॥

जय जय जय अनंत अविनाशी। करत कृपा सब के घटवासी॥

कंबु – कुंदेंदु – कर्पूर – गौरं शिवं, सुंदरं, सच्चिदानंदकंदं ।

राम रसायन तुम्हरे पासा। सदा रहो रघुपति के दासा।।

त्रिपुरासुर सन युद्ध मचाई। सबहिं कृपा कर लीन बचाई॥

कहा जाता है कि भगवान शिव की पूजा जितनी की जाए उतनी ही कम है भगवान शिव की कृपा भी सबसे अधिक मानी जाती है क्योंकि जो व्यक्ति शिव भगवान की पूजा करता है और भगवान शिव अगर उस पर प्रसन्न होते हैं तो उस पर सदैव अपनी कृपा बनाए रखते हैं तथा उनकी प्रत्येक मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं।

शिव आरती

get more info योगी यति मुनि ध्यान लगावैं । नारद शारद शीश नवावैं ॥

ब्रह्मा विष्णु सदा शिव अर्द्धांगी धारा ॥ ॐ जय शिव…॥

त्रयोदशी व्रत करै हमेशा। ताके तन नहीं रहै कलेशा॥

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